लोकभवन में बैठक करते सीएम योगी | पाठकराज
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को और अधिक सशक्त एवं व्यवस्थित बनाने के लिए "अन्नपूर्णा भवन योजना" की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। इसके तहत प्रदेश के हर जिले में प्रति वर्ष 75 से 100 अन्नपूर्णा भवन बनाए जाएंगे।
इन अन्नपूर्णा भवनों को सिर्फ राशन वितरण केंद्र तक सीमित न रखकर इन्हें ग्राम समाज की आय का साधन भी बनाया जाएगा। यहां राशन के साथ-साथ अन्य आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की भी खुली बिक्री की जा सकेगी, जिससे गांवों की स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
भवन निर्माण के लिए कई स्रोतों से होगी फंडिंग
कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण के लिए अब केवल मनरेगा ही नहीं, बल्कि राज्य वित्त आयोग, सांसद निधि, विधायक निधि, पूर्वांचल विकास निधि, बुंदेलखंड विकास निधि, या राज्य/केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं से भी फंड लिया जा सकेगा। जहां इन स्रोतों से धन नहीं मिल सकेगा, वहां खाद्य एवं रसद विभाग अपनी बचत राशि से खर्च उठाएगा।
भवन निर्माण और बजट का विवरण
प्रत्येक अन्नपूर्णा भवन 484 वर्ग फुट में बनाया जाएगा।
एक भवन की लागत लगभग ₹8.50 लाख आंकी गई है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹200 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
इन भवनों के रखरखाव और संचालन की भी स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
शहरी क्षेत्रों में भी मिलेंगे अन्नपूर्णा भवन
यह योजना केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि शहरी इलाकों में भी अन्नपूर्णा भवन बनाए जाएंगे, जिससे शहरी गरीबों को भी लाभ मिल सके।
सरकार का उद्देश्य:
पारदर्शी राशन वितरण प्रणाली
स्थानीय रोजगार व आय के साधन विकसित करना
गांवों में छोटी खुदरा व्यवस्था को बढ़ावा देना