लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आम जनता के घर बनाने के सपने को आसान बनाने के लिए भवन निर्माण नियमों में ऐतिहासिक बदलाव किए हैं। नए UP Building Byelaws 2025 के तहत अब 1000 वर्गफीट तक के प्लॉट पर मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराना जरूरी नहीं होगा। इतना ही नहीं, भवन स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाते हुए 7 से 15 दिनों में विभागों से मंजूरी न मिलने पर प्रस्ताव को स्वतः स्वीकृत मान लिया जाएगा।
छोटे प्लॉट पर अपार्टमेंट की भी मंजूरी
नई नीति के तहत अब सिर्फ बड़े प्लॉट ही नहीं, बल्कि 1000 वर्गमीटर क्षेत्र में भी अपार्टमेंट निर्माण की अनुमति दी गई है। पहले इसके लिए 2000 वर्गमीटर जमीन अनिवार्य थी। इसी तरह, अस्पताल या कमर्शियल भवन निर्माण के लिए अब 3000 वर्गमीटर जमीन पर्याप्त मानी जाएगी।
5000 वर्गफीट तक सिर्फ आर्किटेक्ट का सर्टिफिकेट काफी
नए नियमों के मुताबिक 5000 वर्गफीट तक के प्लॉट पर भवन निर्माण के लिए केवल आर्किटेक्ट का प्रमाणपत्र ही पर्याप्त होगा। इससे नक्शा पास कराने की जटिल प्रक्रिया से राहत मिलेगी।
NOC की अनिवार्यता भी बदली
भवन स्वीकृति के लिए आवश्यक विभागीय NOC को समयबद्ध किया गया है। यदि संबंधित विभाग 7 से 15 दिन के भीतर अनुमति नहीं देते, तो आवेदन को स्वतः स्वीकृत मान लिया जाएगा। यह नियम प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने की दिशा में अहम कदम है।
अब घर से भी चल सकेंगी प्रोफेशनल सर्विसेस
नियमों में लचीलापन लाते हुए सरकार ने यह भी प्रावधान किया है कि अब मकान के 25% हिस्से में नर्सरी, क्रेच, होम स्टे, डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, सीए आदि प्रोफेशनल सेवाएं चलाई जा सकती हैं — इसके लिए नक्शे में विशेष उल्लेख की आवश्यकता नहीं होगी।
रिहायशी इलाकों में भी दुकानें और दफ्तर
नई नियमावली के अनुसार, अब 24 मीटर या उससे चौड़ी सड़क वाले रिहायशी इलाकों में दुकानें और ऑफिस खोलने की अनुमति मिलेगी। वहीं कम चौड़ाई वाली सड़कों पर भी वकील और डॉक्टर जैसे प्रोफेशनल्स अपने दफ्तर चला सकेंगे।
अब ऊंची इमारत पर नहीं कोई रोक
यदि आपका प्लॉट 45 मीटर चौड़ी सड़क पर है, तो अब आप किसी भी ऊंचाई की इमारत बना सकते हैं। इसके साथ ही FAR (फ्लोर एरिया रेशियो) को भी अब 3 गुना तक बढ़ा दिया गया है, जिससे अधिक क्षेत्रफल में निर्माण संभव हो सकेगा।