साइबर ठगों ने रिटायर्ड रेलवे अधिकारी को ठगा | पाठकराज
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गाजियाबाद। गाजियाबाद के नेहरू नगर निवासी विनोद कुमार (रिटायर्ड रेलवे अधिकारी) से साइबर ठगों ने बीमा पालिसी के नवीनीकरण के नाम पर 4.91 लाख रुपए ठग लिए। यह घटना तब हुई जब पीड़ित मार्च महीने में अपनी पालिसी की किस्त जमा नहीं कर पाए थे, और इसके बाद ठगों ने उन्हें एक जालसाजी का शिकार बना लिया।
विनोद कुमार के मुताबिक, मार्च में पीएनबी मैट लाइफ इंश्योरेंस की किस्त जमा न कर पाने के कारण उन्हें एक फोन कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पीएनबी मैट लाइफ का कर्मचारी बताते हुए कहा कि उनकी पालिसी पर 13.50 लाख रुपए वापस किए जा रहे हैं।
ठग ने विनोद को विश्वास दिलाने के लिए कुछ अन्य लोगों से भी बातचीत करवाई, जिनमें एक महिला भी शामिल थी। इन लोगों ने दावा किया कि विनोद कुमार को बड़ी राशि मिल रही है, लेकिन इसके लिए प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पहले कुछ पैसे जमा करने होंगे।
ठगी का तरीका और ट्रांजेक्शन
ठगों ने अपनी चालाकी से विनोद कुमार को 3 बार में कुल 4.91 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए। जैसे ही विनोद को यह संदेह हुआ कि कुछ गड़बड़ हो सकती है, उन्होंने पीएनबी बैंक में जाकर इसकी जानकारी ली, जहां पता चला कि यह धोखाधड़ी का मामला है। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि ठगों ने विनोद कुमार से 2.40 लाख रुपए और जमा करने के लिए कहा, लेकिन इस समय तक विनोद पूरी तरह से समझ गए थे कि वह ठगी का शिकार हो चुके हैं।
पुलिस जांच और कार्रवाई
धोखाधड़ी का एहसास होने पर विनोद कुमार ने सिहानी गेट थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और मामले की गहन जांच की जा रही है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि बीमा कंपनियों और बैंकों की ओर से कोई कॉल या संदेश आए, तो उस पर विश्वास करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करना जरूरी है। किसी भी प्रकार की प्रोसेसिंग फीस या अन्य भुगतान को लेकर सतर्क रहना चाहिए।