प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एक ओर जहां पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर घेरने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर भारतीय सेना को भी जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी छूट दे दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की एक हफ्ते में दूसरी बार बैठक हुई है, जिससे साफ है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह अलर्ट मोड पर है।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के जवाब में कार्रवाई के लिए रणनीतिक योजना तैयार कर ली है। हालांकि, सरकार जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहती और हर कदम सोच-समझकर उठाया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जवाबी हमला “ग्रेडेड डायनामिक रिस्पॉन्स स्ट्रेटजी” के तहत होगा, जिसमें स्थिति के अनुसार प्रतिक्रियाएं तय की जाएंगी।
इस रणनीति के तहत भारत एलओसी पार किए बिना भी पाकिस्तान को तगड़ा झटका देने की योजना बना रहा है। भारत के पास लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों, 155 मिमी की हॉवित्जर तोपों, 120 मिमी मोर्टार और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों का भंडार है, जिनका उपयोग टेरर लॉन्च पैड्स और पाकिस्तानी सेना की चौकियों को निशाना बनाने में किया जा सकता है।
वहीं, पाकिस्तान के भीतर भी चिंता का माहौल है। वहां के मंत्री खुद आशंका जता रहे हैं कि भारत किसी भी समय सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इस बीच खबर है कि पाकिस्तान के पास 155 मिमी के गोले की कमी हो गई है क्योंकि वह इन्हें यूक्रेन भेज रहा है। यह उसके सैन्य संसाधनों पर दबाव को दर्शाता है।
सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो भारत एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। सितंबर 2016 में उरी हमले के बाद भारत ने POK में सर्जिकल स्ट्राइक कर चार अलग-अलग आतंकवादी लॉन्च पैड्स को ध्वस्त किया था।
केंद्र सरकार की मौजूदा रणनीति पाकिस्तान को सैन्य और कूटनीतिक दोनों मोर्चों पर घेरने की है। भारत विश्व समुदाय के सामने पाकिस्तान की भूमिका को उजागर कर रहा है और उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है। सरकार का उद्देश्य यह है कि यदि सैन्य कार्रवाई करनी पड़े तो उसे वैश्विक समर्थन प्राप्त हो और यह कदम आत्मरक्षा के दायरे में ही रहे।