नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य तनाव के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है—क्या हमारी राजधानी दिल्ली सुरक्षित है? जवाब है—पूरी तरह। जब पाकिस्तान पठानकोट, जालंधर, अमृतसर, पुंछ, राजौरी जैसे इलाकों में मिसाइल और रॉकेट लॉन्चर से हमले की कोशिश कर रहा है, लेकिन एक भी मिसाइल ज़मीन पर नहीं गिर रही, तो इसका कारण है भारत का एयर डिफेंस सिस्टम।
भारतीय वायु रक्षा प्रणाली में इतनी ताकत है कि दुश्मन की मिसाइलें आसमान में ही नष्ट कर दी जाती हैं, और जमीन पर एक भी बम गिरने नहीं दिया जाता। दिल्ली को बचाने के लिए भारत ने 5 लेयर की सुरक्षा प्रणाली तैनात की है, जिससे कहा जाता है कि "यहाँ परिंदा भी पर नहीं मार सकता।"
दिल्ली की पाँच स्तरीय एयर डिफेंस सुरक्षा प्रणाली
1️⃣ पहला लेयर: पृथ्वी और प्रद्युम्न मिसाइल सिस्टम (Ballistic Missile Defence - BMD)
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यह सिस्टम 50–80 किलोमीटर ऊपर से आने वाली मिसाइलों को हवा में ही मार गिराता है।
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‘प्रद्युम्न’ मिसाइल सेकंडों में प्रतिक्रिया देती है।
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दुश्मन की लंबी दूरी की मिसाइलें भी इससे बच नहीं सकतीं।
2️⃣ दूसरा लेयर: S-400 ट्रायम्फ सिस्टम
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रूस से आयातित यह सिस्टम 300 टारगेट को एक साथ ट्रैक कर सकता है और 36 टारगेट को एक साथ मार गिरा सकता है।
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फाइटर जेट, स्टील्थ एयरक्राफ्ट, क्रूज़ व बैलिस्टिक मिसाइलें—सब इसकी रडार में हैं।
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यह देश के कई शहरों में सक्रिय रूप से तैनात है।
3️⃣ तीसरा लेयर: बराक 8 LR-SAM
4️⃣ चौथा लेयर: आकाश मिसाइल सिस्टम
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यह पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।
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25 किलोमीटर की ऊंचाई तक के टारगेट को मार गिरा सकता है।
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ड्रोन, हेलीकॉप्टर, फाइटर जेट इसके निशाने पर होते हैं।
5️⃣ पांचवां लेयर: NASAMS-2 (National Advanced Surface-to-Air Missile System)
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अमेरिका से आयातित यह सिस्टम 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करता है।
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एक साथ 72 टारगेट को ट्रैक और नष्ट कर सकता है।
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यह दिल्ली की आखिरी सुरक्षा दीवार के रूप में काम करता है।
क्यों दिल्ली पूरी तरह सुरक्षित है?
अगर पाकिस्तान की मिसाइलें पंजाब और कश्मीर में नहीं गिर पा रहीं, तो दिल्ली जैसे अत्यंत संवेदनशील और संरक्षित क्षेत्र की सुरक्षा का स्तर कहीं अधिक उन्नत है। दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था तकनीकी, रणनीतिक और सामरिक रूप से दुनिया के चुनिंदा शहरों जैसी है।