Saturday, May 31, 2025 01:36:39 PM

बिहार में शिक्षा विभाग की बड़ी चूक
मृत शिक्षक को प्रशिक्षण में बुलाया, अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण मांगा: शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर

बिहार के सिवान में एक मृत शिक्षक को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया। यह शिक्षा विभाग की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।

मृत शिक्षक को प्रशिक्षण में बुलाया अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण मांगा शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर
शिक्षा विभाग का कारनामा | पाठकराज
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सिवान (बिहार)। शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक और चौंकाने वाला मामला सिवान जिले के सिसवन प्रखंड से सामने आया है, जहां एक मृत शिक्षक को प्रशिक्षण में शामिल होने का फरमान जारी कर दिया गया। हद तो तब हो गई जब समय पर प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने पर मृत शिक्षक से स्पष्टीकरण भी मांग लिया गया।

मामला उत्क्रमित मध्य विद्यालय मकतब नयागांव में कार्यरत रहे शिक्षक रत्नेश कुमार तिवारी से जुड़ा है, जिनकी मृत्यु अक्टूबर 2024 में एक सड़क दुर्घटना में हो गई थी। मृतक शिक्षक का नाम शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम की सूची में क्रमांक 10 पर शामिल है। उन्हें 26 मई 2025 को FLN (Foundational Literacy and Numeracy) और ICT (Information and Communication Technology) प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था।

रत्नेश कुमार तिवारी का शिक्षक कोड 1610602101706 है और उनकी मृत्यु की सूचना उनके परिजनों द्वारा विभाग को समय रहते दे दी गई थी। बावजूद इसके, उनका नाम प्रशिक्षण सूची में शामिल करना और फिर अनुपस्थिति के लिए नोटिस भेजना शिक्षा विभाग की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के अंतर्गत चल रही सतत विकास योजना के तहत आयोजित किया गया है, जिसमें कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों को पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

 

लापरवाही पर उठे सवाल

स्थानीय शिक्षकों और अभिभावकों में इस घटना को लेकर नाराजगी है। उनका कहना है कि यह केवल तकनीकी चूक नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की अनदेखी भी है। इससे पहले भी विभाग की ओर से कई बार ऐसी लापरवाहियाँ सामने आ चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुधार देखने को नहीं मिला है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों से बचने के लिए विभाग को अपने रिकॉर्ड अपडेट रखने चाहिए और प्रशिक्षण जैसी गतिविधियों में शामिल नामों का पूर्व सत्यापन करना चाहिए। साथ ही, संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए।

 

शिक्षा विभाग की चुप्पी

इस घटना के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। क्षेत्र में विभाग की इस भूल को लेकर जबरदस्त चर्चा है और लोग सोशल मीडिया पर भी जमकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं।


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