नई दिल्ली (डिजिटल डिस्क) - 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली थी, जिसे भारत ने पाकिस्तान समर्थित बताया है, हालांकि पाकिस्तान ने इस आरोप से इनकार किया है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की जवाबी कार्रवाई
7 मई को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और हवाई हमले किए। इन हमलों में बहावलपुर, मुरिदके, सियालकोट, मुज़फ़्फराबाद और कोटली जैसे स्थानों को निशाना बनाया गया, जहां जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण शिविर स्थित थे। भारत ने दावा किया कि इन हमलों में आतंकियों के कई ठिकाने नष्ट किए गए।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत की सुरक्षा
8 मई की रात पाकिस्तान ने भारत के जम्मू, पठानकोट, फिरोजपुर, कपूरथला, जालंधर और जैसलमेर में सैन्य ठिकानों को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने विफल कर दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के चार लड़ाकू विमानों को मार गिराया, जिनमें दो एफ-16 और दो जेएफ-17 शामिल हैं। इसके अलावा, एक पाकिस्तानी पायलट को भारतीय सीमा में हिरासत में लिया गया है।
नौसेना की सक्रियता और कराची पर हमला
भारत की नौसेना ने भी इस संघर्ष में सक्रिय भूमिका निभाई। आईएनएस विक्रांत ने कराची बंदरगाह पर हमला किया, जिससे वहां महत्वपूर्ण क्षति हुई। यह 1971 के बाद पहली बार है जब भारतीय नौसेना ने इस प्रकार की कार्रवाई की है।
आंतरिक सुरक्षा उपाय
तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारत ने पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में ब्लैकआउट लागू किया है। इन क्षेत्रों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। दिल्ली हवाई अड्डे ने हालांकि सामान्य संचालन की जानकारी दी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन और रूस सहित कई देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भारत के आतंकी ठिकानों पर हमलों को उचित ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने भारत की कार्रवाई को 'युद्ध का कृत्य' बताया है।