रोबोट के साथ एयरपोर्ट के अधिकारी
पाठकराज
नोएडा, उत्तर प्रदेश: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। एयरपोर्ट पर मिनी रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (एमआरओवी) का सफल परीक्षण किया गया है। यह रोबोटिक सिस्टम खास तौर पर बम की पहचान और उसे निष्क्रिय करने के लिए विकसित किया गया है।
क्या है एमआरओवी?
एमआरओवी एक अत्याधुनिक सुरक्षा रोबोट है, जिसे भारत की सिक्योरिटी डिफेंस सिस्टम कंपनी द्वारा स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है। एयरपोर्ट के पहले चरण में ऐसे 6 रोबोट तैनात किए जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार, इस तकनीक से सुरक्षा बलों को संदिग्ध वस्तुओं की बिना जोखिम जांच करने और आपातकालीन स्थिति में तेज़ कार्रवाई की सुविधा मिलेगी।
एमआरओवी के प्रमुख फीचर्स
-
चार-पहिया ड्राइव सिस्टम: किसी भी सतह पर चलने में सक्षम।
-
रोबोटिक आर्म: 20 किलो तक का वजन 2.5 मीटर और 9 किलो वजन 4 मीटर दूरी से उठा सकता है।
-
वाटर जेट डिसरप्टर: बम को निष्क्रिय करने में सक्षम तकनीक।
-
हाई-रेज़ोल्यूशन कैमरे: नाइट विजन व NBC (न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल, केमिकल) सेंसिंग सिस्टम।
-
शॉटगन व पोर्टेबल एक्स-रे डिवाइस से लैस।
-
500 मीटर रेंज तक रिमोट कंट्रोल और 3 घंटे तक बैटरी बैकअप।
स्वदेशी तकनीक की मिसाल
एमआरओवी के 90% से अधिक पुर्जे भारत में निर्मित हैं, जिससे यह सिस्टम आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती देता है। खास बात यह है कि यह रोबोटिक सिस्टम हवाई अड्डों के साथ-साथ मेट्रो, ट्रेन और अन्य भीड़-भाड़ वाली संकरी जगहों पर भी ऑपरेशन के लिए उपयुक्त है।
एयरपोर्ट शुरू होने से पहले ही सुरक्षा व्यवस्था मजबूत
नोएडा एयरपोर्ट के संचालन से पहले ही इस तरह की हाई-टेक सुरक्षा व्यवस्था की शुरुआत प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है। एमआरओवी की तैनाती से बम निष्क्रियकरण, निगरानी और त्वरित कार्रवाई की क्षमता में बड़ा सुधार आएगा।