मरीज की आंखों का जांच करते हुए डॉ. हेमेंद्र कुमार
पाठकराज
धीरे-धीरे गर्मी बढ़ने लगी है। गर्मी के सीजन में लोगों को अपनी आंखों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। जरा सी चूक आपकी परेशानियों में इजाफा कर सकती है। नोएडा समेत पूरे दिल्ली एनसीआर में भी गर्म हवा के थपेड़े लोगों की परेशानियों को बढ़ा रहे हैं। इन सभी बदलावों का असर जहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर पड़ रहा है, वहीं आंखें भी इसकी चपेट में आ रही हैं। आंखों में खुजली, जलन, सूजन, लालपन और पानी आने जैसी समस्याएं आम होती जा रही है।
गर्मी में आंखों का रखें ख्याल:
इन दिनों सरकारी और निजी अस्पतालों में नेत्र रोगियों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। श्यामा आई हॉस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमेंद्र शर्मा के अनुसार, बदलते मौसम में आंखों की एलर्जी के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में हर रोज ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं, जिनके आंखों में एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस, ड्राई आई सिंड्रोम या धूल व परागकण से उत्पन्न रिएक्शन के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। डॉ. हेमेंद्र का कहना है कि मौसम में नमी की कमी और हवा में उड़ती धूल खतरनाक साबित हो सकती है।
मामूली ना समझें समस्या:
जब ये कण आंखों की नाजुक सतह से टकराते हैं, तो वहां एलर्जिक प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है। मरीजों को आंखों में चुभन, जलन, बार-बार पानी आना और रोशनी में देखने में परेशानी जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। उन्होंने बताया कि आंखों की एलर्जी कोई मामूली समस्या नहीं है, अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो इससे कॉर्निया पर असर पड़ सकता है और दृष्टि कमजोर हो सकती है।
बच्चों पर जल्द करता है असर:
विशेष रूप से बच्चों में यह समस्या जल्दी उभरती है, क्योंकि वे बार-बार आंखों को छूते हैं या मलते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। बुजुर्गों के लिए भी यह मौसम आंखों की दृष्टि के लिहाज से चुनौतीपूर्ण होता है। उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने के कारण मामूली एलर्जी भी गंभीर रूप ले सकती है। आंखों में लगातार खुजली रहने से रेटिना पर दबाव पड़ता है, जिससे अन्य नेत्र रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
साफ-सफाई का रखें विशेष ध्यान:
इस मौसम में आंखों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दिन में तीन-चार बार आंखों को ठंडे और साफ पानी से धोना लाभकारी होता है। धूप और धूल भरी जगहों पर जाने से पहले सनग्लास पहनें, ताकि आंखों को सीधा संपर्क न मिले। कंप्यूटर, मोबाइल और टीवी का प्रयोग सीमित करें और बीच-बीच में आंखों को आराम दें। आंखों में अगर कोई परेशानी हो तो लोग स्वयं कोई आई ड्रॉप इस्तेमाल करने के बजाय नेत्र विशेषज्ञ की सलाह लें।
आंखों की देखभाल करना जरूरी:
डॉ. हेमेंद्र का मानना है कि अगर आम लोग मौसम बदलने के समय आंखों की थोड़ी अतिरिक्त देखभाल शुरू कर दें, तो बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है। बच्चों को आंखों को छूने से रोकें, समय-समय पर ठंडे पानी से उनकी आंखें साफ करें, और बाहर जाते समय उन्हें चश्मा पहनने की आदत डालें। इसी तरह बुजुर्गों को भी घर के भीतर धूल से बचाने की व्यवस्था करें और उनकी नियमित नेत्र जांच कराते रहें।
उन्होंने कहा कि आंखें शरीर का सबसे संवेदनशील और अनमोल अंग हैं। बदलते मौसम के साथ शरीर की अन्य समस्याओं की तरह आंखों की समस्याओं को भी गंभीरता से लेना चाहिए। सजगता, साफ-सफाई और समय पर उपचार से हम अपनी आंखों को सुरक्षित और स्वस्थ रख सकते हैं।