17 जून को प्रकाशित खबर | पाठकराज
पाठकराज
नोएडा। नोएडा के सेक्टर-135 में फुटपाथ पर कंटेनर के भीतर संचालित हो रहे अंग्रेजी शराब के ठेके को लेकर पाठकराज द्वारा प्रकाशित खबर का बड़ा असर देखने को मिला है। जिला प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण ने इस खबर को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की है और उक्त ठेके को तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिया गया है। साथ ही ठेके को किसी उपयुक्त और वैध स्थान पर स्थानांतरित करने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
क्या था मामला?
सेक्टर-135 में एक व्यस्त मार्ग के किनारे, फुटपाथ पर एक कंटेनर में शराब का ठेका संचालित किया जा रहा था। इस ठेके के चलते न केवल राहगीरों को असुविधा हो रही थी, बल्कि स्थानीय निवासियों और ऑफिस जाने वाले लोगों को भी सामाजिक असुरक्षा और अराजकता का सामना करना पड़ रहा था। ठेके के आसपास अक्सर शराब पीने वालों की भीड़ जमा रहती थी, जिससे महिलाओं और बच्चों के लिए गुजरना मुश्किल हो गया था।
मीडिया की सक्रियता बनी बदलाव की वजह
पाठकराज ने इस पूरे मामले को विस्तार से अपने डिजिटल संस्करण में उजागर किया था। खबर के साथ ग्राउंड रिपोर्ट, तस्वीरें और स्थानीय नागरिकों के बयान भी प्रकाशित किए गए थे। इस रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद सोशल मीडिया पर भी यह मामला तेजी से वायरल होने लगा और लोगों ने स्थानीय प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट सामने आते ही नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन हरकत में आ गए। अधिकारियों की एक टीम ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और पुष्टि होने के बाद तत्काल प्रभाव से ठेके को बंद कराने का आदेश दिया। इसके साथ ही संबंधित आबकारी विभाग को निर्देशित किया गया कि भविष्य में इस प्रकार सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह के ठेके संचालित न हों।
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने पाठकराज से बातचीत में कहा,
“हमने इस खबर को गंभीरता से लिया है। फुटपाथ जैसे सार्वजनिक स्थान पर किसी भी प्रकार का व्यवसाय जो आमजन को असुविधा दे, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ठेके को बंद कर दिया गया है और वैकल्पिक स्थान की पहचान कर वहां संचालन की अनुमति दी जाएगी।”
स्थानीय लोगों ने ली राहत की सांस
ठेके के बंद होने की सूचना मिलने के बाद स्थानीय निवासियों और राहगीरों ने राहत की सांस ली है। सेक्टर-135 में रहने वाली एक महिला ने कहा,
“यह ठेका हमारे लिए एक सिरदर्द बन गया था। हर दिन रास्ते से गुजरते हुए डर लगता था। हम पाठकराज और प्रशासन के आभारी हैं कि उन्होंने हमारी समस्या को गंभीरता से लिया।”
यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि जब मीडिया जनहित में अपनी जिम्मेदारी निभाता है, तो सकारात्मक बदलाव संभव होते हैं। पाठकराज ने न केवल समस्या को उजागर किया, बल्कि जिम्मेदार रिपोर्टिंग के माध्यम से प्रशासन को जागरूक करने में भी अहम भूमिका निभाई।