नोएडा, 20 मई। नोएडा में डग्गामार बस माफिया बेलगाम हो चुका है। कानून का भय न तो चालकों को है और न ही प्रशासन को इसकी कोई परवाह है। सेक्टर-37 बस अड्डे पर डग्गामार बस के चालक और परिचालक ने सरेआम अलीगढ़ रोडवेज के कर्मचारी को पीट दिया, और प्रशासन मूकदर्शक बना देखता रह गया। इस शर्मनाक घटना का वीडियो वायरल होने के बाद ही पुलिस हरकत में आई और एक आरोपी की गिरफ्तारी दिखा दी गई, जबकि मुख्य आरोपी अब भी फरार है।
प्रशासन की छूट में पल रहा गुंडाराज
घटना सोमवार की है जब अलीगढ़ रोडवेज डिपो का परिचालक योगेश यात्रियों को बस में बैठा रहा था। उसी दौरान डग्गामार बस के चालक मोहित और परिचालक दीपक वहां पहुंचे और सवारी न उठाने की धमकी देने लगे। विरोध करने पर दोनों ने योगेश के साथ सरेआम मारपीट शुरू कर दी, कपड़े फाड़े, और लात-घूंसे बरसाए।
यह सब कुछ सेक्एटर 37 पुलिस चौकी पर हुआ, जहाँ रोजाना हजारों यात्री और पुलिस कर्मी मौजूद रहते हैं। लेकिन डग्गामार माफिया के डर से न तो कोई बीच-बचाव करने आया और न ही वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों ने हस्तक्षेप किया।
वीडियो वायरल न होता तो दबा दी जाती घटना?
घटना का 1 मिनट 24 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न होता तो यह मामला शायद दबा दिया जाता। वीडियो में लोग खुलकर प्रशासन की नाकामी पर सवाल उठाते दिख रहे हैं। कई लोग कहते सुनाई दिए, " नोएडा की सड़कों पर डग्गमार बस संचालकों की गुंडागर्दी चल रही है और प्रशासन चैन की नींद सो रहा है।"
पुलिस की 'औपचारिक कार्रवाई'
घटना की सूचना मिलने के बाद सेक्टर-39 पुलिस ने महज दिखावे के लिए दीपक चौधरी को गिरफ्तार किया, जबकि मुख्य हमलावर मोहित अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
"वीडियो के आधार पर एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, दूसरे की तलाश जारी है।"
— प्रवीण कुमार सिंह, एसीपी नोएडा
कब जागेगा प्रशासन?
यह पहली घटना नहीं है जब डग्गामार बस चालकों ने रोडवेज कर्मियों के साथ मारपीट की हो। डग्गामार वाहन हर दिन अवैध रूप से सवारियों को उठाते हैं, रोडवेज की सेवाओं में बाधा डालते हैं, लेकिन प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। प्रश्न यह है कि आखिर क्यों डग्गामार माफिया पर अब तक सख्त कार्रवाई नहीं हुई? क्या प्रशासनिक मिलीभगत से ही इनकी गुंडागर्दी फल-फूल रही है?