पुलिस द्वारा रेस्कयुू किया गया बच्चा
नोएडा पुलिस
नोएडा। गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट बाल श्रम और नाबालिगों के शोषण के खिलाफ लगातार कठोर कार्रवाई कर रही है। पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व और डीसीपी महिला सुरक्षा के पर्यवेक्षण में 1 जनवरी 2023 से 30 अप्रैल 2025 तक कुल 668 बच्चों को बाल मजदूरी से रेस्क्यू किया गया है।
होटल, ढाबों से लेकर घरों तक... पुलिस की नजर हर जगह
गौतमबुद्धनगर पुलिस ने होटल, ढाबा और अन्य मजदूरी स्थलों पर विशेष अभियान चलाया।
इनमें एक विशेष मामला 11 नवम्बर 2024 को सामने आया, जब थाना सेक्टर-142 क्षेत्र में एक फ्लैट में एक नाबालिग बच्ची से जबरन घरेलू कार्य कराए जाने की सूचना पर पुलिस ने छापा मारा और बच्ची का सफल रेस्क्यू किया। इस मामले में फ्लैट मालिक और उसकी पत्नी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
पुनर्वास और शिक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
पुलिस सिर्फ रेस्क्यू तक सीमित नहीं रही, बल्कि रेस्क्यू किए गए बच्चों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए भी ठोस कदम उठाए गए:
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कई गैर-सरकारी संस्थाओं के सहयोग से पुनर्वास सेवाएं दी गईं।
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बच्चों को शिक्षा, काउंसलिंग और सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
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परिजनों को चेतावनी दी गई कि भविष्य में यदि बच्चों से मजदूरी करवाई गई, तो सख्त कार्रवाई होगी।
बाल मजदूरी मुक्त गौतमबुद्धनगर की दिशा में प्रयास
गौतमबुद्धनगर पुलिस ने झुग्गी-बस्तियों और संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरूक किया कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें और मजदूरी से दूर रखें। शिक्षा के माध्यम से बच्चों को बेहतर भविष्य और रोजगार का अवसर मिल सके, इसके लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट का यह अभियान बाल अधिकारों की रक्षा और समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम है।