जनसभा को संबोधित करते सीटू के नेता | पाठकराज
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ग्रेटर नोएडा। "सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक न्याय की लड़ाई जीतने के बावजूद अगर इंसाफ न मिले, तो ये व्यवस्था पर सबसे बड़ा सवाल है।" यह पीड़ा ग्रेटर नोएडा माली एवं सफाई कामगार यूनियन (सीटू) की आमसभा में कर्मचारियों की जुबां पर साफ झलक रही थी। नवादा स्थित शनि मंदिर परिसर में आयोजित इस सभा में सैकड़ों की संख्या में पूर्व कर्मचारी एकत्र हुए और अपने 27 वर्षों के संघर्ष और मौजूदा उपेक्षा पर नाराजगी जताई।
सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा का आरोप
सीटू के जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में वर्षों तक काम करने वाले 240 माली व सफाईकर्मी केवल नियमितीकरण की मांग कर रहे थे, इसी के चलते उन्हें वर्ष 2003 में जबरन नौकरी से हटा दिया गया। इसके खिलाफ यूनियन ने अदालतों से लेकर श्रम विभाग तक लंबी लड़ाई लड़ी और 5 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
निर्णय में स्पष्ट तौर पर कहा गया कि कर्मचारियों को ड्यूटी पर बहाल किया जाए, उन्हें क्षतिपूर्ति सहित बकाया वेतन (46.36 करोड़) दिया जाए। लेकिन, अब तक न तो बहाली हुई और न ही भुगतान, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है।
शासन-प्रशासन पर गंभीर आरोप
यूनियन के महामंत्री रामकिशन ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण बार-बार कानूनी पेचीदगियों में उलझाकर कर्मचारियों को न्याय से वंचित कर रहा है। जब पुनः सुनवाई की याचिका सुप्रीम कोर्ट में और फिर श्रम कार्यालय में दी गई, तो उपश्रमायुक्त राकेश द्विवेदी ने 16 जुलाई को प्राधिकरण की याचिका खारिज कर दी।
18 जुलाई को यूनियन का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी मनीष वर्मा से मिला, जिन्होंने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन यूनियन ने चेताया कि यदि एक सप्ताह में कार्रवाई नहीं हुई, तो 27 जुलाई रविवार को फिर से नवादा शनि मंदिर पर आमसभा होगी, जिसमें आंदोलन की नई रूपरेखा घोषित की जाएगी।
6 अगस्त को उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका पर सुनवाई
कर्मचारियों ने बताया कि अब यूनियन ने उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दाखिल की है, जिस पर 6 अगस्त 2025 को सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
नेताओं के संबोधन में फूटा आक्रोश
आमसभा को सीटू जिला महासचिव रामसागर, अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा, कार्यवाहक अध्यक्ष टीकम सिंह, महामंत्री रामकिशन, पदाधिकारी ज्ञानचंद, धर्मपाल, बाली समेत अन्य नेताओं ने संबोधित किया और चेताया कि अब यह केवल कर्मचारियों का नहीं, न्याय की व्यवस्था का प्रश्न बन चुका है।