आजमगढ़। जिले के लालगंज क्षेत्र से एक वायरल वीडियो ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और निजी अस्पतालों में हो रही गंभीर लापरवाहियों को लेकर सनसनी फैला दी है। वीडियो में एक डॉक्टर, नशे की हालत में, एक मरीज की मौत के लिए निजी अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में डॉक्टर का दावा है कि मरीज को गलत इंजेक्शन देने से उसकी मौत हुई। इतना ही नहीं, उन्होंने लालगंज के अधिकांश डॉक्टरों की शैक्षिक योग्यता पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि क्षेत्र में केवल पांच-सात डॉक्टर ही योग्य हैं, बाकी पांचवीं या दसवीं पास लोग बिना मेडिकल डिग्री के अवैध रूप से अस्पताल चला रहे हैं।
वीडियो में डॉक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, खासकर मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनका आरोप है कि सीएमओ क्षेत्र से हर महीने पांच लाख रुपये की अवैध वसूली करते हैं, जिसके कारण ऐसे अवैध अस्पताल बेधड़क चल रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
वीडियो के सामने आने के बाद लालगंज का पूरा चिकित्सा समुदाय सकते में है। वीडियो ने न सिर्फ अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग में कथित भ्रष्टाचार और लापरवाही की भी पोल खोल दी है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि "एक वीडियो मेरे संज्ञान में आया है। उसकी सत्यता की जांच की जाएगी। वीडियो में जिस हत्या की बात कही जा रही है, उसमें पुलिस कार्रवाई करेगी। जो भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उनकी भी जांच कराई जाएगी कि वीडियो में बोलने वाला व्यक्ति असली है भी या फर्जी। फिलहाल, जांच के बाद ही कोई ठोस बात कही जा सकती है।"
सवाल उठते हैं:
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क्या जिले में बिना डिग्री वाले डॉक्टर मरीजों की जान जोखिम में डाल रहे हैं?
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क्या स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से अवैध अस्पताल खुलेआम संचालित हो रहे हैं?
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क्या वीडियो में लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच होगी?