Tuesday, June 03, 2025 01:22:13 PM

नोएडा में नया हाई-टेक स्काईवॉक
नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-62 और 63 के बीच नया स्काईवॉक बनाने की मंजूरी दी

नोएडा में स्मार्ट सिटी पहल के तहत, सेक्टर-62 और 63 के बीच हाई-टेक स्काईवॉक का निर्माण होगा। ₹40 करोड़ की लागत से यह परियोजना विकसित की जाएगी।

नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-62 और 63 के बीच नया स्काईवॉक बनाने की मंजूरी दी
नोएडा को मिलने जा रहा है पहला हाई-टेक स्काईवॉक | पाठकराज
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नोएडा। स्मार्ट सिटी की दिशा में एक और बड़ी पहल करते हुए नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-62 और 63 को जोड़ने वाले व्यस्त चौराहे पर शहर का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक स्काईवॉक बनाने की मंजूरी दे दी है। परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली गई है और इसे अब आईआईटी को तकनीकी स्वीकृति के लिए भेजा जा रहा है। अनुमोदन मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

 

400 मीटर लंबा स्काईवॉक, लागत 40 करोड़ रुपये

इस हाई-टेक स्काईवॉक की लंबाई लगभग 400 मीटर होगी और इसके निर्माण पर करीब ₹40 करोड़ खर्च आने का अनुमान है। यह स्काईवॉक सेक्टर-62 और 63 के व्यस्ततम गोलचक्कर पर बनेगा, जहां से प्रतिदिन लगभग 50,000 पैदल यात्री गुजरते हैं। यह इलाका दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ा है, जिससे ट्रैफिक का अत्यधिक दबाव रहता है। स्काईवॉक के निर्माण से न केवल पैदल यात्रियों को सुरक्षित मार्ग मिलेगा, बल्कि ट्रैफिक व्यवस्था को भी राहत मिलेगी। नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, स्काईवॉक को पूरी तरह आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया जाएगा। इसमें दोनों तरफ लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए जाएंगे, जिससे बुजुर्ग, दिव्यांगजन और भारी सामान ले जा रहे लोग भी आसानी से इसका उपयोग कर सकें। स्काईवॉक का डिज़ाइन अत्यधिक आकर्षक और आर्किटेक्चरल आइकॉन के रूप में तैयार किया जाएगा, जिससे यह नोएडा की एक नई पहचान बनेगा।

 

आसपास के पार्क को भी मिलेगा नया रूप

स्काईवॉक के आसपास स्थित एक छोटे से पार्क को भी पुनर्विकसित किया जाएगा। यहां यात्रियों के लिए बैठने की व्यवस्था, हरियाली, लाइटिंग और मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि लोग ट्रैफिक से दूर कुछ समय सुकून से बिता सकें। नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यह परियोजना नोएडा के इन्फ्रास्ट्रक्चर में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है, जो न सिर्फ स्मार्ट सिटी की अवधारणा को मजबूत करेगी, बल्कि लोगों की सुरक्षा, सुविधा और जीवन गुणवत्ता में भी सकारात्मक बदलाव लाएगी।


 


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