ग्रेटर नोएडा। शहर के सेक्टरों और हाउसिंग सोसायटियों में रह रहे किरायेदारों का सत्यापन अब अनिवार्य होगा। बढ़ती आपराधिक घटनाओं और संदिग्ध व्यक्तियों की आवाजाही पर लगाम लगाने के लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक अभियान शुरू कर दिया है।
इस अभियान के तहत पुलिस, अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के साथ समन्वय बनाकर किरायेदारों के सत्यापन का कार्य पूरा करेगी।
आरडब्ल्यूए-एओए को बांटे जा रहे सत्यापन फॉर्म
पुलिस ने सेक्टरों और सोसायटियों में सक्रिय आरडब्ल्यूए व एओए के पदाधिकारियों को सत्यापन फॉर्म वितरित करना शुरू कर दिया है। ये फॉर्म मकान मालिकों और किरायेदारों द्वारा भरे जाएंगे, जिनमें पहचान, स्थायी पता, मोबाइल नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी दी जाएगी।
चौकी प्रभारियों को मिली ज़िम्मेदारी
बीटा-2 कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार ने जानकारी दी कि इस अभियान की ज़िम्मेदारी संबंधित चौकी प्रभारियों को सौंपी गई है। वे अपने क्षेत्र में जाकर आरडब्ल्यूए और एओए के माध्यम से सत्यापन कार्य पूरा कराएंगे। ग्रेटर नोएडा में दस लाख से अधिक लोग किराये पर रहते हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या बिना किसी पुलिस सत्यापन के रह रही है। यह स्थिति सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद चिंताजनक है। कई बार आपराधिक तत्व, सत्यापन की कमी का फायदा उठाकर सोसायटियों में छिप जाते हैं और वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं।
लंबे समय से उठ रही थी मांग
स्थानीय नागरिक और आरडब्ल्यूए लंबे समय से किरायेदारों का अनिवार्य सत्यापन कराने की मांग कर रहे थे। अब पुलिस प्रशासन ने इस दिशा में ठोस कार्रवाई शुरू की है।
मुख्य बिंदु:
किरायेदारों का सत्यापन आरडब्ल्यूए और एओए के माध्यम से कराया जाएगा।
सत्यापन फॉर्म पुलिस द्वारा वितरित किए जा रहे हैं।
चौकी प्रभारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
दस लाख से अधिक किरायेदारों में अधिकतर बिना सत्यापन रह रहे हैं।
आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया कदम।