प्रतीकात्मक तस्वीर | पाठकराज
पाठकराज
नोएडा। उत्तर भारत में भीषण गर्मी के बीच नोएडा में बिजली की खपत ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। बीते वर्ष की तुलना में इस बार 100 मेगावाट अधिक बिजली की मांग दर्ज की गई है। मौजूदा समय में शहर की कुल बिजली मांग 2600 मेगावाट तक पहुंच गई है, जो वर्ष 2024 के अधिकतम 2500 मेगावाट के आंकड़े को पार कर चुकी है।
अधिकारियों के अनुसार, तापमान में लगातार बढ़ोतरी के कारण आने वाले दिनों में बिजली की खपत और बढ़ने की संभावना है। पिछले पांच वर्षों में नोएडा की बिजली मांग में करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 में जहां मांग 1600 मेगावाट थी, वहीं 2025 में यह आंकड़ा 2600 मेगावाट को पार कर गया है।
वृद्धि के पीछे ये कारण
शहर में तेज़ी से हो रहा शहरीकरण, बढ़ती जनसंख्या, नए आवासीय और वाणिज्यिक प्रोजेक्ट्स, और गर्मियों में एयर कंडीशनर जैसे बिजली उपकरणों का बढ़ता उपयोग इस बढ़ोतरी के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। इसके साथ ही, औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ती गतिविधियों ने भी खपत में इज़ाफा किया है।
हालांकि बिजली की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन स्थानीय वितरण प्रणाली की कमजोरी के कारण उपभोक्ताओं को ट्रिपिंग और बार-बार बिजली कटौती जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई इलाकों से बिजली कटौती की लगातार शिकायतें मिल रही हैं।
विद्युत नगरीय वितरण खंड के अधिकारियों का कहना है कि मांग को सुचारु रूप से पूरा करने के लिए पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। लेकिन कर्मचारियों की भारी कमी और बढ़ते लोड के चलते सिस्टम पर दबाव बना हुआ है।
विभाग सक्रिय, सुधार की कवायद जारी
बिजली विभाग का कहना है कि शिकायतों के समाधान के लिए टीमें लगातार फील्ड में काम कर रही हैं। साथ ही, भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड की योजनाएं भी तैयार की जा रही हैं।