नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने मोहल्ला क्लीनिक सेल के 431 डॉक्टरों को 31 मार्च 2026 तक कार्य विस्तार दे दिया है। यह फैसला राजधानी में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित होने से बचाने के उद्देश्य से लिया गया है। हालांकि, डॉक्टरों को इस विस्तार के साथ एक अनिश्चित भविष्य की चेतावनी भी दी गई है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर के लिए नई नियुक्तियों की तैयारी
DGHS की ओर से जारी आदेश के अनुसार, यदि आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) के लिए नई नियुक्तियाँ हो जाती हैं, तो इन डॉक्टरों को निर्धारित समय से पहले कार्यमुक्त भी किया जा सकता है। यही कारण है कि मोहल्ला क्लीनिक में कार्यरत डॉक्टरों में नौकरी को लेकर गहरी चिंता देखी जा रही है।
संविदा पर नियुक्त डॉक्टरों की स्थिति अस्थिर
दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों में नियुक्त डॉक्टर और स्टाफ सभी अनुबंध पर कार्यरत हैं, जिन्हें दिल्ली राज्य स्वास्थ्य मिशन के तहत एक वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है। हर वर्ष इनका अनुबंध नवीनीकृत होता है। वर्तमान में दिल्ली में कुल 553 मोहल्ला क्लीनिक हैं, जिनमें से 431 क्लीनिकों के डॉक्टरों का अनुबंध समाप्त हो चुका था, जिन्हें अब अस्थायी रूप से कार्य विस्तार दिया गया है।
मोहल्ला क्लीनिक बनेंगे आयुष्मान आरोग्य मंदिर
दिल्ली सरकार ने 1139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर विकसित करने की योजना बनाई है, जिसमें मोहल्ला क्लीनिकों को भी शामिल किया जाएगा। वर्तमान वित्त वर्ष में 123 मंदिरों की स्वीकृति मिल चुकी है। इन नए केंद्रों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत नई नियुक्तियाँ होंगी, जिससे वर्तमान डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं और उन्हें फिर से नियुक्ति प्रक्रिया में भाग लेना पड़ सकता है।
डॉक्टरों की मांग: स्थायित्व और सेवा में निरंतरता
इस स्थिति से चिंतित मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टर मुख्यमंत्री से मिलने की तैयारी में हैं। उन्होंने मांग की है कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में भी वर्तमान में कार्यरत डॉक्टरों को बरकरार रखा जाए। इस विषय पर उन्होंने हाल ही में दिल्ली सरकार को औपचारिक पत्र भी भेजा है।