Saturday, June 07, 2025 04:28:21 AM

उत्तर प्रदेश में बड़ा घोटाला
छात्रवृत्ति घोटाला: समाज कल्याण विभाग के 20 अधिकारी जांच के घेरे में, ईओडब्ल्यू ने मांगी जानकारी

उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले की जांच में तेजी आई है, कई अधिकारी संलिप्त पाए गए हैं।

छात्रवृत्ति घोटाला समाज कल्याण विभाग के 20 अधिकारी जांच के घेरे में ईओडब्ल्यू ने मांगी जानकारी
छात्रवृत्ति घोटाला: 20 अधिकारी जांच के घेरे में, ईओडब्ल्यू ने मांगी जानकारी | पाठकराज
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लखनऊ। राज्य के बहुचर्चित छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने जांच की रफ्तार तेज कर दी है। मथुरा में हुए इस घोटाले में समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन 20 अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। ईओडब्ल्यू की कानपुर इकाई ने विभाग से इन सभी अधिकारियों का विस्तृत ब्योरा मांगा है।

घोटाले की जड़ वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-20 के बीच मथुरा जनपद में सामने आई, जहां 71 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के संचालकों ने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के नाम पर समाज कल्याण विभाग से करोड़ों रुपये की राशि हड़प ली थी। यह कार्य समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से संभव हुआ।

जांच में सामने आया है कि इस पांच वर्ष की अवधि में करीब 27 करोड़ रुपये की धनराशि गलत तरीके से संस्थानों को हस्तांतरित की गई। प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर शासन ने इस गंभीर अनियमितता की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी।

ईओडब्ल्यू की जांच में जिन अधिकारियों व कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी है। विभागीय स्तर पर उनके सेवा अभिलेख, तैनाती स्थल, और उस दौरान की जिम्मेदारियों से संबंधित सभी जानकारी तलब की गई है।

जांच एजेंसी का कहना है कि— अधिकारियों की संलिप्तता की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह मामला शासन की “शून्य सहनशीलता” नीति के अंतर्गत देखा जा रहा है।


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