Saturday, July 05, 2025 02:48:15 PM

नशे का नेटवर्क और भी शातिर
गंदा है पर धंधा है! नोएडा में क्लाउड किचन की आड़ में फूड डिलीवरी एप्स से हो रही नशे की तस्करी

उत्तर प्रदेश में ड्रग्स तस्कर क्लाउड किचन और फूड डिलीवरी एप्स की आड़ में एमडीएमए जैसी खतरनाक ड्रग्स की डिलीवरी करा रहे हैं।

गंदा है पर धंधा है

नोएडा में क्लाउड किचन की आड़ में फूड डिलीवरी एप्स से हो रही नशे की तस्करी
सांकेतिक तस्वीर | पाठकराज
पाठकराज

नोएडा/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाईटेक शहरों में नशे का नेटवर्क अब और भी शातिर हो गया है। ड्रग्स तस्कर अब क्लाउड किचन और फूड डिलीवरी एप्स की आड़ में एमडीएमए जैसी खतरनाक ड्रग्स की डिलीवरी करा रहे हैं—बिल्कुल रेस्टोरेंट की डिश की तरह। हैरानी की बात ये है कि इस दौरान न तो डिलीवरी बॉय को और न ही ऐप को इस गैरकानूनी धंधे की भनक लगती है।

 

कैसे होता है यह हाईटेक ड्रग ट्रैफिकिंग?

  • ड्रग तस्कर फूड डिलीवरी एप्स (जैसे Zomato, Swiggy आदि) पर खुद को एक क्लाउड किचन के रूप में रजिस्टर कर लेते हैं।

  • मेन्यू में कुछ कोडवर्ड वाली डिशेज़ ऐड की जाती हैं।

  • खरीदारों से संपर्क टेलीग्राम, सिग्नल, डार्क वेब जैसे माध्यमों से होता है।

  • ग्राहक उस "कोडवर्ड डिश" को ऑर्डर करता है, जो असल में ड्रग्स का नाम, मात्रा और कीमत दर्शाती है।

  • ऑर्डर मिलने के बाद ड्रग्स को डिश की तरह पैक कर डिलीवरी बॉय के हाथों भेजा जाता है—जो अनजान होता है।

 

एमडीएमए और रेव पार्टी कल्चर

सबसे ज्यादा सप्लाई की जा रही ड्रग है मेफेड्रॉन (MDMA) जिसे रेव पार्टियों और एलीट वर्ग द्वारा खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। यही नहीं, यह नेटवर्क अब नोएडा, लखनऊ, बनारस और गाजियाबाद जैसे शहरों में तेजी से फैल रहा है।

 

अंतरराज्यीय नेटवर्क: मणिपुर से लेकर नोएडा तक

  • अफीम, हेरोइन, स्मैक की सबसे बड़ी सप्लाई मणिपुर से होती है।

  • यह ड्रग्स म्यांमार और बांग्लादेश के रास्ते मणिपुर पहुंचते हैं, फिर ट्रेन व चारपहिया वाहनों से यूपी, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तक भेजे जाते हैं।

  • दूसरा रूट: पाकिस्तान → नेपाल → उत्तर प्रदेश (कम इस्तेमाल होता है)

 

गांजा और चरस की सप्लाई

  • गांजा, चरस और हशिश की सबसे बड़ी सप्लाई उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश से होती है।

  • इन राज्यों से मादक पदार्थ मध्य प्रदेश और सोनभद्र बॉर्डर के जरिए यूपी में पहुंचते हैं।

 

एएनटीएफ की कार्रवाई: अब तक 160 गिरफ्तार

  • 2025 में अब तक: 160 ड्रग तस्कर गिरफ्तार

  • ड्रग्स की बरामदगी: करीब ₹75 करोड़

  • 2023 से 2025 (जून) तक: 270 ऑपरेशन, ₹300 करोड़ की ड्रग्स जब्त

 

डीजीपी ने नोएडा कमिश्नर को दिए सख्त निर्देश

यूपी के डीजीपी राजीव कृष्ण ने एएनटीएफ को अंतरराष्ट्रीय स्तर की एंटी-ड्रग एजेंसी की तरह विकसित करने का रोडमैप तैयार किया है:

  • एएनटीएफ को मिलेगा नया लोगो, ज्यादा संसाधन, और एक्सपर्ट मैनपॉवर

  • नशे के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की तैयारी

 

क्लाउड किचन और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स का यह दुरुपयोग न सिर्फ कानून व्यवस्था बल्कि आम जनता की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बनता जा रहा है। ज़रूरत है कि एजेंसियों के साथ-साथ फूड डिलीवरी कंपनियां भी तकनीकी निगरानी को बेहतर बनाएं ताकि इस नए तरह की तस्करी पर लगाम लगाई जा सके।


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