Wednesday, May 21, 2025 06:56:23 PM

मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन गिरफ्तार
मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह गिरफ्तार: 100 से अधिक फर्जीवाड़ा मामलों में नामजद, 230 करोड़ की देनदारी

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह को धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया है।

मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह गिरफ्तार 100 से अधिक फर्जीवाड़ा मामलों में नामजद 230 करोड़ की देनदारी
कोर्ट में पेशी के लिए जाता विजेंद्र
पाठकराज

हापुड़/गाजियाबाद। चर्चित मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन और कथित सामाजिक कार्यकर्ता चौधरी विजेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। विजेंद्र पर देश के विभिन्न जनपदों में 100 से अधिक मामलों में धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप दर्ज हैं। कक्षा 10 तक शिक्षा प्राप्त विजेंद्र सिंह लंबे समय से राजनीतिक संरक्षण पाने के प्रयास में जुटा था, लेकिन अंततः डासना जेल उसका नया ठिकाना बन गया।

 

कोविड काल में खरीदी यूनिवर्सिटी, शुरू हुआ संदेह
मेरठ निवासी विजेंद्र सिंह ने वर्ष 2022 में कोविड महामारी के दौरान मोनाड यूनिवर्सिटी का अधिग्रहण किया। उस समय जब अधिकांश कारोबारी संघर्ष कर रहे थे, विजेंद्र का कारोबार तेजी से बढ़ता दिखा। इसी समय से विजेंद्र ने विभिन्न राजनीतिक दलों से संपर्क साधना शुरू किया ताकि संभावित कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।

 

राजनीतिक दलों में तलाशता रहा पनाह
बीजेपी में शामिल होने की कोशिश में असफल रहने के बाद विजेंद्र ने लोकदल का रुख किया और वहां पद भी प्राप्त किया। बाद में बसपा से 2024 का लोकसभा चुनाव बिजनौर सीट से लड़ा लेकिन हार गया। इसके पश्चात फिर से भाजपा में प्रवेश का प्रयास किया, जो स्थानीय नेताओं के विरोध के चलते असफल रहा।

 

गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
एसटीएफ के अनुसार, विजेंद्र पर IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (वसीयत में जालसाजी), 468 (दस्तावेजों की जालसाजी), 409 (सरकारी पद का दुरुपयोग), 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग), 201 (साक्ष्य मिटाना) और 120-B (षड्यंत्र) जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इन मामलों की सुनवाई दिल्ली, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की अदालतों में चल रही है।

 

शपथपत्र में चौंकाने वाली संपत्ति का खुलासा
लोकसभा चुनाव में दाखिल शपथपत्र में विजेंद्र सिंह ने अपनी संपत्ति 28 करोड़ और देनदारी 230 करोड़ रुपये बताई थी, जबकि उसकी सालाना आय मात्र 15 लाख रुपये घोषित की गई थी।

 

फर्जी डिग्री रैकेट से भी जुड़ाव
सूत्रों के अनुसार, विजेंद्र सिंह के तार सोनीपत में फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह से भी जुड़े हो सकते हैं। आरोप है कि दिल्ली पुलिस का एक सिपाही इस रैकेट को संचालित करता था, जिसमें मोनाड यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियों का उपयोग किया जाता था। बताया जा रहा है कि विजेंद्र का बेटा संदीप इस नेटवर्क को हरियाणा में संचालित करता था।

 

अब जांच के घेरे में यूनिवर्सिटी और नेटवर्क
एसटीएफ अब विजेंद्र सिंह से पूछताछ कर उसके पूरे नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा, यूनिवर्सिटी में जारी डिग्रियों की वैधता की भी जांच की जा रही है।


सम्बन्धित सामग्री