सब्जियों के बढ़ते दामों से थाली से गायब हो रही हरियाली, मानसून की मार ने बिगाड़ा रसोई का बजट
नोएडा। मानसून के आगमन ने जहां मौसम में राहत पहुंचाई है, वहीं सब्जियों की कीमतों में अचानक हुई तेजी ने आमजन को खासा परेशान कर दिया है। हरी सब्जियों के दाम लगभग दोगुने हो गए हैं, जिससे रसोई का बजट बुरी तरह प्रभावित हुआ है। टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च और भिंडी जैसी रोजमर्रा की सब्जियां अब आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं।
सब्जी विक्रेताओं के अनुसार, हालिया बारिश ने फसल की पैदावार पर बुरा असर डाला है। खेतों में जलभराव, परिवहन में बाधा और लॉजिस्टिक्स समस्याओं के कारण सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित हुई है। हरौला मंडी स्थित विक्रेता राजपाल सिंह का कहना है कि, "बरसात की वजह से सब्जियों से लदे ट्रक और गाड़ियां समय पर नहीं पहुंच पा रहीं। इसके चलते मंडियों में आपूर्ति कम हो गई है और दाम तेजी से बढ़े हैं।"
सब्जियों के वर्तमान भाव (रुपये प्रति किलो में):
सब्जी | पहले का दाम | अब का दाम |
---|---|---|
नींबू | 60 | 80 |
करेला | 30 | 60 |
शिमला मिर्च | 80 | 160 |
भिंडी | 30 | 40 |
टमाटर | 30 | 60 |
काशीफल | 20 | 30 |
बोदी | 30 | 50 |
कुंदरू | 40 | 50 |
खीरा | 30 | 40 |
बैंगन | 30 | 60 |
बंद गोभी | 20 | 40 |
फूल गोभी | 60 | 100 |
मिर्ची | 20 | 120 |
तोरई | 30 | 60 |
बजट में संतुलन बनाने की जद्दोजहद
महंगाई की इस मार ने खासकर निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों को बुरी तरह प्रभावित किया है। गृहिणियां अब सब्जियों के महंगे विकल्पों की जगह परंपरागत व्यंजन—जैसे इमली, अमचूर, बेसन की कढ़ी आदि की ओर रुख कर रही हैं। सेक्टर 62 की निवासी प्रीति गुप्ता कहती हैं, "हर दिन 3-4 तरह की हरी सब्जियां बनाना अब संभव नहीं। टमाटर और हरी मिर्च के दाम देखकर तो दिल कांप जाता है।"
कुछ सब्जियां दे रही हैं राहत
इस महंगाई के दौर में आलू, प्याज, लौकी, काशीफल जैसी सब्जियां अब भी तुलनात्मक रूप से सस्ती बनी हुई हैं, जो आमजन के लिए थोड़ी राहत लेकर आई हैं। हालांकि, मौसम और आपूर्ति में सुधार न होने तक सब्जियों की कीमतों में स्थिरता की उम्मीद नहीं की जा रही है।