चाइल्ड पीजीआई में मिल्क बैंक की स्थापना प्रक्रिया तेज
नोएडा । चाइल्ड पीजीआई में मिल्क बैंक की स्थापना की प्रक्रिया एक बार फिर से गति पकड़ चुकी है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अगले तीन महीने में सभी जरूरी उपकरण उपलब्ध हो जाएंगे, जिसके बाद मिल्क बैंक को पूर्ण रूप से कार्यशील कर दिया जाएगा। मिल्क बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य संक्रमण की आशंका को कम करना और गंभीर रूप से बीमार नवजातों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है। विशेष रूप से एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) में भर्ती उन शिशुओं के लिए, जो सेप्टिसीमिया जैसे संक्रमण से पीड़ित होते हैं और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहते हैं, यह सुविधा जीवनरक्षक सिद्ध हो सकती है।
स्तनपान प्रबंधन इकाई पहले ही शुरू
इस दिशा में पहला कदम स्तनपान प्रबंधन इकाई के रूप में पहले ही उठा लिया गया है। यह इकाई सुषेना हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) और धात्री मदर्स मिल्क बैंक के सहयोग से शुरू की गई है। यहां माताओं को स्तनपान की तकनीकों और इसके लाभों की जानकारी दी जा रही है।
मिल्क बैंक की स्थापना में हो चुकी है देरी
गौरतलब है कि मार्च 2023 में मिल्क बैंक के लिए संस्थान और सहयोगी संस्था के बीच समझौता हुआ था, लेकिन कुछ कारणों से इसमें देरी हुई। बाद में मार्च 2024 में पुनः समझौता किया गया, और अक्टूबर तक संचालन की योजना बनाई गई थी। अब अस्पताल प्रशासन ने प्रक्रिया को पुनः सक्रिय कर दिया है।
डॉ. अरुण कुमार सिंह, निदेशक, चाइल्ड पीजीआई के अनुसार,
“कुछ आवश्यक उपकरण मिल चुके हैं, और शेष भी जल्द उपलब्ध हो जाएंगे। हमारी योजना है कि आगामी तीन से चार महीनों में मिल्क बैंक पूरी तरह से कार्यशील हो।”