यमुना का बढ़ता जलस्तर: हजारों बीघा फसल डूबी, अवैध फार्म हाउस जलमग्न
नोएडा। पिछले दिनों हुई लगातार बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का असर अब गौतमबुद्ध नगर और आसपास के इलाकों में साफ दिखाई देने लगा है। यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण कई गांव और खेत जलमग्न हो गए हैं। हजारों बीघा खड़ी फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो चुकी है, जिससे किसानों के सामने आजीविका का बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
गांवों में पानी, किसानों की मेहनत डूबी
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कोंडली बांगर, गढ़ी समसपुर, कामबख्शपुर, डेरीन, गुलावली, याकूतपुर, मोमनाथल, मंझावली और कुलेसरा समेत कई गांवों की फसलें जलभराव से पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। कोंडली गांव के किसान करतार सिंह भाटी ने बताया कि खेतों में खड़ी धान व अन्य फसलें डूब चुकी हैं। उन्होंने आशंका जताई कि यदि जलस्तर और बढ़ा तो ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों तक इसका असर पहुंच सकता है।
अवैध फार्म हाउस डूबे, लोग व पशु निकाले गए
यमुना किनारे बने बड़ी संख्या में अवैध फार्म हाउस भी पानी की चपेट में आ गए हैं। नोएडा से लेकर जेवर तक फैले इन फार्म हाउसों में अक्सर पार्टियों का आयोजन होता था। अब जलभराव के चलते इनमें रह रहे 300 से अधिक लोगों और दर्जनों पालतू पशुओं (कुत्ते, घोड़े व अन्य जानवरों) को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
प्रशासन सतर्क, राहत कार्य जारी
बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। सिंचाई विभाग लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है। डूब क्षेत्र के गांवों के निवासियों को अपना सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की सलाह दी गई है। एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों को भी अलर्ट पर रखा गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि प्रभावित गांवों की गौशालाओं और पशुओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
बढ़ते खतरे की चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यमुना का जलस्तर और बढ़ा तो न केवल ग्रामीण क्षेत्र बल्कि शहरी इलाके भी बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। प्रशासन और राहत एजेंसियां हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।