नोएडा की सुपरटेक कैप्टाउन सोसायटी को पर्यावरणीय नि

Supertech Capetown सोसायटी की लापरवाही पर शिकंजा: 35.80 लाख का जुर्माना, FIR दर्ज

प्राधिकरण द्वारा जारी नोटिस

नोएडा। सेक्टर-74 स्थित सुपरटेक कैप्टाउन (Supertech Capetown) सोसायटी एक बार फिर विवादों में है। इस बार मामला पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी और जनस्वास्थ्य को खतरे में डालने से जुड़ा है। नोएडा प्राधिकरण की पर्यावरण सेल द्वारा किए गए हालिया निरीक्षण में सामने आया कि सोसायटी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) मानकों के अनुरूप संचालित नहीं हो रहा है। जांच में यह भी पाया गया कि अशोधित (Untreated) सीवेज को सीधे ड्रेन में बहाया जा रहा था, जिससे जल स्रोतों का प्रदूषण और आसपास के लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडराने लगा।

निरीक्षण में मिली गंभीर लापरवाही

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण में स्पष्ट रूप से पाया गया कि सुपरटेक कैप्टाउन सोसायटी का STP आवश्यक पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप कार्य नहीं कर रहा था। इस लापरवाही के कारण अशोधित सीवेज न केवल नगर की जल निकासी प्रणाली में मिल रहा था, बल्कि इससे भूमिगत जल भी प्रभावित हो रहा था।

35.80 लाख रुपये का जुर्माना

नोएडा प्राधिकरण ने इस गंभीर उल्लंघन के चलते सोसायटी पर ₹35.80 लाख का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना जल (Water) अधिनियम, वायु (Air) अधिनियम और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के उल्लंघन के आधार पर अधिरोपित किया गया है।

 

FIR भी दर्ज

मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 272 के अंतर्गत एफआईआर (FIR) भी दर्ज कर दी गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के दिशा-निर्देशों का हवाला देकर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पहले ही इस संबंध में अवगत कराया जा चुका था, लेकिन समय रहते सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई।

 

नोएडा प्राधिकरण का सख्त संदेश

नोएडा प्राधिकरण ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया है कि:

“हम पर्यावरण संरक्षण और जनहित के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। किसी भी संस्था या सोसायटी द्वारा लापरवाही बरतने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।”

अन्य सोसायटियों के लिए चेतावनी

यह कार्रवाई नोएडा की अन्य रिहायशी सोसायटियों और बिल्डरों के लिए एक चेतावनी मानी जा रही है। यदि STP संचालन, कूड़ा निस्तारण या सीवेज प्रबंधन में मानकों का पालन नहीं किया गया, तो अब सीधे आर्थिक दंड और आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।