नोएडा में सफाई कर्मचारियों का धरना; प्रशासन पर उदासीनता का आरोप
नोएडा, 30 जून 2025। नोएडा के सेक्टर 58 और 60 में कार्यरत सफाई कर्मचारी पिछले कई हफ्तों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन नगर प्रशासन और संबंधित अधिकारियों की बेरुखी और संवेदनहीनता ने हालात को और गंभीर बना दिया है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का आरोप है कि उनके साथ "पशुवत व्यवहार" किया जा रहा है, और उनकी जायज़ मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
कर्मचारियों की मुख्य शिकायतें क्या हैं?
विधवा महिला कर्मी को नौकरी से हटाने का दबाव
प्रदर्शनकारियों के अनुसार, एक महिला कर्मचारी, जिनके पति का देहांत हो चुका है, को दूर स्थान पर ट्रांसफर कर नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। आरोप है कि यह कदम एक सोची-समझी साजिश के तहत लिया गया है।
उपकरणों की मांग पर बदले में बर्खास्तगी
कर्मचारी बताते हैं कि जब सफाई के लिए आवश्यक उपकरण (जैसे दस्ताने, मास्क, झाड़ू, कचरा पेटी) की मांग की गई, तो कर्मचारी दिनेश को नौकरी से हटा दिया गया। उनका कहना है कि ठेकेदार ने उसे "बेवजह और तानाशाही ढंग" से बर्खास्त किया और अधिकारी अब बात तक नहीं सुनते।
पीएफ घोटाले की भी मांग उठी
एक और अहम आरोप यह है कि कर्मचारियों की सैलरी से सालों से पीएफ (Provident Fund) के नाम पर पैसे काटे जा रहे हैं, लेकिन न तो इसकी कोई लेन-देन की जानकारी दी जा रही है, और न ही PF पासबुक अपडेट हो रही है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी धरने में उठी है।
धरना स्थल से क्या बोले कर्मचारी?
“हमें इंसान समझा ही नहीं जा रहा। जब हम बिना उपकरण के सफाई नहीं कर सकते तो गलती किसकी है? आवाज़ उठाई तो नौकरी गई।” — दिनेश, बर्खास्त सफाई कर्मचारी
“मेरे पति की मौत के बाद ये नौकरी ही सहारा है। अब दूर ट्रांसफर कर रहे हैं ताकि मैं खुद ही छोड़ दूं। क्या यही संवेदना है?” — धरनारत महिला कर्मचारी
प्रशासन का पक्ष – ‘मामले की जानकारी ले रहे हैं’
इस पूरे मामले पर जब नगर निगम के संबंधित अधिकारी से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उनका कहना था,
“हमें कुछ शिकायतें मिली हैं, हम जांच करवा रहे हैं। यदि किसी के साथ अन्याय हुआ है तो कार्रवाई जरूर होगी।”
हालांकि, कर्मचारियों का आरोप है कि जांच और आश्वासन के नाम पर सिर्फ “तारीख पे तारीख” दी जा रही है और जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।