नोएडा की बढ़ती आबादी और वाहनों के दबाव को कम करने

ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाना हमारा संकल्प - पुलिस उपमहानिरीक्षक यातायात ने की समीक्षा बैठक

नोएडा ट्रैफिक के अधिकारियों संग समीक्षा बैठक करते हुए

नोएडा। नोएडा की लगातार बढ़ती आबादी और तेज रफ्तार विकास कार्यों के बीच ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया है। इसी क्रम में पुलिस उपमहानिरीक्षक (यातायात एवं सड़क सुरक्षा) उत्तर प्रदेश, अरविंद मौर्य ने नोएडा का दौरा कर कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर की यातायात व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने ई-चालान प्रणाली, आईएसटीएमएस और सड़क सुरक्षा प्रबंधन पर विशेष चर्चा की। नोएडा पुलिस अधिकारियों ने बैठक में मौजूदा चुनौतियों की जानकारी दी। इसमें सबसे प्रमुख नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और प्रमुख सेक्टरों में बढ़ता ट्रैफिक दबाव। पिक ऑवर में जाम की स्थिति। अवैध पार्किंग और सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी की समस्या। नियमों का पालन न करने वाले वाहन चालकों पर नियंत्रण।

 

डीआईजी अरविंद मौर्य के निर्देश

डीआईजी ने स्पष्ट कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ना ही एकमात्र समाधान है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ई-चालान प्रणाली को और पारदर्शी एवं प्रभावी बनाया जाए। आईएसटीएमएस के जरिए मुख्य चौराहों पर स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट की लगातार निगरानी की जाए। सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान तेज किए जाएं। हेलमेट, सीट बेल्ट और नशे में वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। स्कूली बसों और वाणिज्यिक वाहनों की नियमित जांच की जाए।

 

सड़क सुरक्षा पर जोर

डीआईजी मौर्य ने कहा कि सड़क हादसों को रोकना ट्रैफिक पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर सुधारात्मक कार्य किए जाएं। साथ ही पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अलग लेन बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएं।

 

नोएडा ट्रैफिक पुलिस की चुनौतियां

अधिकारियों ने बैठक में बताया कि नोएडा में रोजाना लाखों वाहन प्रवेश करते हैं, जिससे ट्रैफिक पर दबाव बढ़ रहा है। दिल्ली और गाजियाबाद से लगते बॉर्डरों पर भी जाम की स्थिति अक्सर बन जाती है। इसके समाधान के लिए अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस बल और तकनीकी संसाधनों की आवश्यकता है।