नोएडा पुलिस ने नरेश प्रजापति की हत्या के मामले में

नरेश प्रजापति हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा,सुपारी देकर कराई गई थी हत्या

मुठभेड़ के बाद घायल अपराधी

ग्रेटर नोएडा। बिसरख कोतवाली क्षेत्र के रोजा जलालपुर निवासी समाजसेवी नरेश प्रजापति हत्याकांड का गुरुवार रात पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस ने मुठभेड़ में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो बदमाश चिपियाना बुजुर्ग इलाके में मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से घायल हो गए। तीन अन्य आरोपियों को पुलिस ने कांबिंग के दौरान दबोचा। आरोपियों के पास से अवैध हथियार, घटना में प्रयुक्त कार, धारदार हथियार, मृतक का मोबाइल फोन और कपड़ा बरामद किया गया है। पुलिस का दावा है कि यह हत्या सुपारी देकर कराई गई थी और इसकी साजिश करीब एक महीने पहले रची गई थी।

 

ऐसे रची गई साजिश नरेश प्रजापति समाजसेवा के साथ हवन-पूजन भी करते थे। पुलिस के अनुसार, 27 जुलाई को आरोपियों ने हवन कराने के बहाने नरेश को डासना औद्योगिक क्षेत्र में बुलाया, लेकिन नरेश अपने साथ एक अन्य व्यक्ति को लेकर पहुंचे, जिससे बदमाशों का मंसूबा उस दिन विफल हो गया। इसके बाद 2 अगस्त को आरोपियों ने नरेश को कार में बैठाकर बुलंदशहर ले गए और धारदार हथियार से उनकी हत्या कर शव को थाना नरसेना क्षेत्र में नहर किनारे फेंक दिया। शव के सिर पर कुल्हाड़ी या धारदार दांती जैसे हथियार से वार के गहरे निशान थे।

 

मुठभेड़ और गिरफ्तारी डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि तकनीकी और खुफिया इनपुट के आधार पर आरोपियों का पता लगाया गया। गुरुवार को बिसरख पुलिस ने चेकिंग के दौरान चिपियाना बुजुर्ग में एक संदिग्ध कार को रोकने का प्रयास किया। पुलिस को देखकर बदमाश कार लेकर भागने लगे। पीछा करने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग की, जिसमें जवाबी कार्रवाई में दोनों बदमाश नीरज और सुनील गोली लगने से घायल हो गए। बाद में कांबिंग के दौरान पुलिस ने तीन अन्य बदमाश—सौरभ कुमार, प्रवीण और अंकित—को भी गिरफ्तार कर लिया।

 

बरामदगी आरोपियों के पास से तीन अवैध देसी तमंचे, तीन जिंदा कारतूस, दो खोखा कारतूस, एक धारदार दांती (आलाकत्ल), मृतक का मोबाइल कीपैड, गमछा और घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की गई। पूछताछ में सभी ने 2 अगस्त को नरेश की हत्या करने और शव को बुलंदशहर की नहर किनारे फेंकने की बात कबूल की।

 

परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश घटना के बाद से मृतक के परिजन और ग्रामीण लगातार न्याय की मांग कर रहे थे। 3 अगस्त को शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने बिसरख कोतवाली का घेराव कर विरोध प्रदर्शन भी किया था। पुलिस पिछले 10 दिनों से इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में जुटी थी और 24 घंटे में खुलासा करने का आश्वासन दिया था।