ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने रवि काना गिरोह के सदस्य

रवि काना का खास साथी सूरज दबोचा, स्क्रैप के धंधे में ठेके हड़पकर बनाता था लाखों की अवैध कमाई

पुलिस हिरासत में अभियुक्त सूरज

ग्रेटर नोएडा। दबंगई और दहशत के बल पर स्क्रैप के ठेके हड़पने वाले कुख्यात गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। थाना बीटा-2 पुलिस और स्वॉट टीम ने संयुक्त छापेमारी में रवि काना गिरोह के अहम साथी और सहयोगी गिरोह के मुखिया सूरज को गिरफ्तार कर लिया।

सूरज का नाम लंबे समय से क्राइम जगत में सक्रिय बताया जाता है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि वह कुख्यात अपराधी रवि काना उर्फ़ रवि पुत्र यतेन्द्र, निवासी ग्राम दादूपुर, थाना दनकौर का बेहद करीबी है। गिरोह का अंदाज़ फिल्मी खलनायकों जैसा—पहले इलाके के व्यापारियों और कंपनियों में डर का माहौल बनाना, फिर दबाव डालकर स्क्रैप के ठेके बाजार भाव से कम दामों में हथियाना और लाखों की अवैध कमाई करना। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सूरज की गिरफ्तारी इस नेटवर्क की कड़ी को तोड़ने में अहम साबित हो सकती है। अब उम्मीद है कि पूछताछ में कई और चेहरों और आपराधिक खेलों का पर्दाफाश होगा।

बता दें कि पिछले महीने बीटा दो कोतवाली पुलिस ने स्क्रैप माफिया रवि काना और पोस्टल संचालक पंकज पाराशर समेत 23 के खिलाफ गैंग्सटर का मामला दर्ज किया था। पूर्व में दर्ज गंभीर आपराधिक मामलों में रवि काना और पंकज पाराशर समेत अधिकतर आरोपित पहले से ही जेल में बंद हैं। प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार ने बताया जांच में मिले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का दावा है कि गिराेह के सदस्य जिला स्तर पर पिछले काफी समय से आपराधिक वारदात अंजाम दे रहे थे। गिरोह का सरगना रवि काना सहयोगियों के साथ मिलकर लोगों को डरा धमका कर वसूली करते थे। इससे गिरोह के नाम से लोग भयभीत रहते थे। इसी का फायदा उठाकर आरोपितों ने विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के मालिकों पर दबाव बनाकर स्क्रैप के धंधे में कम दामों पर ठेका उठाकर अधिक दाम में बेचकर मोटा धन कमाया है।

गिरोह ने लोगों से वसूला कालाधन सहयाेगी बिल्डर देव शर्मा के विभिन्न प्रोजेक्ट में लगाकर सफेद बनाता था। गिरोह की तरफ से कई लोगों के खिलाफ पंकज पाराशर द्वारा फर्जी न्यूज चलाकर मोटा धन अर्जित किया गया। आरोपितों से भयभीत होने के चलते कोई इनके खिलाफ पुलिस से शिकायत भी नहीं करता था। पुलिस ने कार्रवाई की तो कई पीड़ित सामने आए।