ग्रेटर नोएडा: नकली ब्रांडिंग के साथ अवैध पानी की बोतलें पैक | पाठकराज
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ग्रेटर नोएडा । ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक क्षेत्र साइट-5 में चल रही दो अवैध पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर कंपनियों का भंडाफोड़ हुआ है। खाद्य विभाग की टीम ने छापेमारी कर इन कंपनियों से 13,092 एक लीटर की बोतलें सील की हैं। दोनों कंपनियों के पास खाद्य विभाग का वैध लाइसेंस नहीं था और ये फर्जी ब्रांडिंग कर पानी की पैकेजिंग कर रही थीं। जांच अधिकारियों के अनुसार, बोतलों को एक प्रसिद्ध ब्रांड 'बिल्सेरी' जैसा नाम और डिज़ाइन देकर तैयार किया जा रहा था, जिससे आम उपभोक्ताओं को भ्रमित किया जा सके। दोनों ही कंपनियों ने जानबूझकर ऐसा नाम और पैकेजिंग डिजाइन अपनाया जो असली ब्रांड से मिलता-जुलता था।
गुप्ता इंटरप्राइजेज और पैरामेट्रो वासर टेक्नोलॉजी पर कार्रवाई
सहायक आयुक्त द्वितीय (खाद्य) सर्वेश मिश्रा ने बताया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए जिले में पेय पदार्थों की गुणवत्ता की जांच अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी वीरेंद्र द्विवेदी के नेतृत्व में टीम ने गुप्ता इंटरप्राइजेज (K-300) पर छापा मारा।
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यहां बिना लाइसेंस के एक लीटर की 6,252 बोतलों की पैकेजिंग की जा रही थी।
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एक नमूना जांच के लिए भेजा गया, शेष 6,236 बोतलें सील कर दी गईं।
इसके बाद टीम ने भूखंड संख्या 2/88 पर स्थित पैरामेट्रो वासर टेक्नोलॉजी का भी निरीक्षण किया।
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यहां 6,856 बोतलें पाई गईं, जिनमें से एक का नमूना जांच के लिए भेजा गया और 6,840 बोतलें सील कर दी गईं।
दोनों प्लांट सील, जांच जारी
खाद्य सुरक्षा अधिकारी इबादुल्लाह, मुकेश कुमार और अमर बहादुर सरोज की मौजूदगी में की गई इस कार्रवाई के तहत दोनों प्लांटों का संचालन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। नमूने प्रयोगशाला भेजे गए हैं और जांच पूरी होने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। खाद्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे पैक्ड पानी खरीदते समय बोतल पर ब्रांड, लाइसेंस नंबर और सील की जांच अवश्य करें ताकि नकली उत्पादों से बचा जा सके।